Azab Gajab Animals Survive in Extreme Conditions
Azab Gajab Animals Survive in Extreme Conditions
प्राकृतिक जीवों की अनुकूलन क्षमता: पृथ्वी पर कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां जीवन की कल्पना करना भी कठिन है, फिर भी कुछ जीव वहां न केवल जीवित रहते हैं, बल्कि फलते-फूलते भी हैं। ये अद्भुत प्राणी अत्यधिक ठंड, गर्मी, समुद्र के गहरे दबाव या ऊँचाई पर ऑक्सीजन की कमी जैसे कठिनाइयों का सामना करते हैं। इस लेख में हम उन जीवों की चर्चा करेंगे, जो प्रकृति की सबसे कठिन चुनौतियों के बीच भी जीवन की दृढ़ता का प्रतीक हैं।
आर्कटिक क्षेत्र के जीव
ध्रुवीय भालू (Polar Bear) - ध्रुवीय भालू आर्कटिक क्षेत्र के प्रमुख शिकारी माने जाते हैं। ये -40°C जैसी ठंड में भी जीवित रह सकते हैं, जो उनके मोटे वसा की परत और घने सफेद फर के कारण संभव है। यह फर उन्हें ठंड से बचाने के साथ-साथ बर्फ में छिपने में भी मदद करता है। इनके चौड़े पंजे बर्फ पर फिसलने से रोकते हैं और ये कुशल तैराक भी होते हैं। इनका मुख्य आहार सील होते हैं, जिन्हें ये बर्फ में छिपकर पकड़ते हैं।
आर्कटिक लोमड़ी (Arctic Fox) - आर्कटिक लोमड़ी बर्फीले वातावरण में जीवित रहने के लिए अनुकूलित है। इसका सफेद फर ठंड से सुरक्षा प्रदान करता है और शिकार के लिए छलावरण में मदद करता है। इसके पंजों के नीचे बाल होते हैं, जो इसे बर्फ पर चलने में मदद करते हैं।
रेगिस्तानी जीवों की अनुकूलन क्षमता
ऊँट (Camel) - ऊँट, जिसे 'रेगिस्तान का जहाज' कहा जाता है, सूखे और गर्म मरुस्थलों में जीवित रहने के लिए अनुकूलित है। यह पानी और ऊर्जा को लंबे समय तक संचित कर सकता है। ऊँट अपने कूबड़ में वसा जमा करता है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर ऊर्जा में बदलता है। इसकी विशेषताएँ इसे रेगिस्तानी जीवन के लिए उपयुक्त बनाती हैं।
फेनेनेक लोमड़ी (Fennec Fox) - फेनेनेक लोमड़ी उत्तरी अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में पाई जाती है। इसके बड़े कान गर्मी को बाहर निकालने में मदद करते हैं और इसके पंजों के नीचे बाल होते हैं, जो गर्म रेत पर चलने में सहायक होते हैं।
समुद्र की गहराइयों में जीव
ऐंगलरफिश (Anglerfish) - ऐंगलरफिश समुद्र की गहराइयों में पाई जाने वाली एक अनोखी मछली है। इसके सिर पर एक विशेष अंग होता है, जो बायोलुमिनसेंस की मदद से रोशनी उत्पन्न करता है। यह प्रकाश छोटे समुद्री जीवों को आकर्षित करता है, जिससे ऐंगलरफिश उन्हें पकड़ लेती है।
ग्लास स्पंज (Glass Sponge) - ग्लास स्पंज समुद्र के गहरे हिस्सों में पाया जाता है। इसका शरीर सिलिका से बना होता है, जो इसे पारदर्शी बनाता है। यह अपने आसपास के पानी को फिल्टर करके पोषक तत्व प्राप्त करता है।
ज्वालामुखी क्षेत्रों में जीव
टार्डीग्रेड (Tardigrade) - टार्डीग्रेड सूक्ष्म जीव हैं जो अत्यधिक तापमान और दबाव में जीवित रह सकते हैं। ये क्रिप्टोबायोसिस नामक अवस्था में चले जाते हैं, जिसमें उनका मेटाबॉलिज्म रुक जाता है।
थर्मोफिलिक बैक्टीरिया (Thermophilic Bacteria) - ये जीवाणु गर्म झरनों और ज्वालामुखीय छिद्रों में पाए जाते हैं। कुछ बैक्टीरिया 100°C से अधिक तापमान में जीवित रह सकते हैं।
हिमालय जैसे ऊँचे स्थानों में जीव
हिम तेंदुआ (Snow Leopard) - हिम तेंदुआ ठंडे पर्वतीय क्षेत्रों में रहता है। इसका शरीर लंबे और घने फर से ढका होता है, जो उसे ठंड से बचाता है।
याक (Yak) - याक ऊँचे पर्वतीय इलाकों में पाया जाता है। इसके फेफड़े बड़े होते हैं, जिससे यह कम ऑक्सीजन में भी जीवित रह सकता है।
अन्य कठोर पर्यावरण में जीव
हेलोफिलिक आर्किया (Halophilic Archaea) - ये सूक्ष्मजीव अत्यधिक खारे पानी में जीवित रहते हैं। इनके DNA और प्रोटीन की संरचना इस लवणीय वातावरण के लिए अनुकूलित होती है।
सहरा डेजर्ट ऐंट (Sahara Desert Ant) - यह चींटी सहारा रेगिस्तान में जीवित रहती है। यह दिन के सबसे गर्म समय में बाहर निकलती है और इसके शरीर पर मौजूद बाल गर्मी को परावर्तित करते हैं।
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